माता सावित्रीबाई फुले के जयंती के अवसर पर मनाया गया बाल मेला दिवस
ताराचंद कठोत्रे /बलौदाबाजार

बलौदाबाजार / आज 03.01.2024 को हमारे विद्यालय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनार देवरी में शिक्षा की देवी माता सावित्री फूले का जन्म जयंती मनाया गया । जन्म जयंती के अवसर पर बाल मेला का आयोजन किया किया जिसमे ग्रामीण जन सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे व कार्यक्रम सफल को सफल बनाएं । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम के सरपंच सम्मानिय लोकनाथ सुनहर साहू उपस्थित थे।वही विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानिय हेतराम साहू अध्यक्ष smdc, सावित्रीबाई साहू उप सरपंच,पूर्व सरपंच कुंदन लाल साव,रामबिशाल जोशी पंच,खिलेश्वरी साहू, सुमित्रा साहू, ईसाक खान, पंच व जसनारायण गायकवाड , के पी कनौजे , पी आर बंजारे, योगिता राबर्ट,श्रद्धा सिंह,मिथलेश देवांगन, संतराम कनौजे, स्वाति, अनामिका,उमाशंकर पैकरा, सनत वर्मा, छत्तर बंजारे,भुवन बंजारे, बांधे मैडम आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदरणीय जसनरायण गायकवाड ने माता सावित्री फूले के जीवन संघर्ष को रेखांकित किया नारी शिक्षा पर सावित्री फूले के योगदान पर विस्तार से बताया कि शिक्षा हमारे मुक्ति का मार्ग है।सभा को सरपंच ग्राम पंचायत सोनार देवरी ने भी संबोधित किया व बच्चो को ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद किया।साथ ही श्री हेतराम जी साहू अध्यक्ष smdc ने संबोधित किया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम से ही बचा में नेतृत्व छमता का विकास होता है और स्वरोजगार हेतु प्रेरित होते है।कार्यक्रम को सबोधी करते हुए कार्यक्रम के प्रभारी श्री गंगा प्रसाद बैनर्जी व्याख्याता ने कहा कि सावित्री फूले हो शिक्षा की असली देवी है जो महिलाओं की शिक्षा हेतु पूरा जीवन अर्पण किया, महिलाओं के लिए प्रथम स्कूल खोला और तमाम रूढ़ी परंपराओं को न मानते हुए अंधविश्वास, पाखंड को समूल नष्ट करने पर बाल दिया। उस तत्कालीन समय में महिलाओं को शिक्षा देना पाप समझा जाता था लेकिन माता सावित्री फुले जानते थे की महिलाओं की दुर्दशा के लिया अशिक्षा और अंधविश्वास ही मुख्य कारण है।कार्यक्रम के आयोजक दिव्यभारती डहरिया और छात्रसंघ की की पूरी टीम के प्रयास से कार्यक्रम सफल हुवा। अंत में सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए दिव्या भारती डहरिया ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया।साथ ही सभी अतिथियों ने छात्रों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉल में जाकर छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया।