नवनिर्वाचित सरपंच सम्मे बाई पटेल ने नशाबंदी की पहल करते हुए कोचिंयो कों दिया सख्त चेतावनी।

बलौदाबाजार:- ताराचंद कठोत्रे/
बलौदाबाजार जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत धाराशिव की नवनिर्वाचित सरपंच श्रीमती सम्मे केशव पटेल ने अपने कार्यकाल की शुरुआत एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल के साथ की है। उन्होंने गांव को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लेते हुए शराब,गाँजा बिक्री व सेवन तथा जुआ-सट्टा सहित समस्त अवैध कार्यों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। सरपंच सम्मे पटेल की इस पहल को ग्रामीणों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है, जिससे गांव में जागरूकता और बदलाव की लहर दौड़ गई है। ग्राम पंचायत धाराशिव में सरपंच ने पहली बैठक में ही नशामुक्त समाज बनाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने गांव में अवैध रूप से शराब बेचने और खरीदने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। इस दौरान उन्होंने कोटवार के माध्यम से चार दिन पहले ही मुनादी कराकर गांव में अवैध शराब के कारोबारियों को सख्त चेतावनी दी कि वे जल्द से जल्द अपना अवैध धंधा बंद कर दें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इसी कड़ी में रविवार 23 मार्च कों सरपंच तथा पंचगण एवं गांव की महिलाये,युवा-बुजुर्ग सभी ने नशा बंदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वृहत संख्या में गांव का भ्रमण किया और गांव की समुचित विकास के लिए कोचिंयो कों अवैध कार्य बंद करने की सख्त हिदायत दी। बतादे कि गांव में शराब के कारण कई परिवार बर्बाद हो रहे है । नशे की लत के चलते गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है , वहीं घरों में कलह और अशांति का माहौल भी बना हुआ है । खासकर, युवाओं और छोटे बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति ने गांव के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। इन परिस्थितियों को देखते हुए सरपंच सम्मे बाई पटेल ने शराबबंदी को अपनी प्राथमिकता बनाते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। सरपंच द्वारा की गई इस पहल को ग्रामवासियों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि वे लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे है और अब नये सरपंच के नेतृत्व में गांव को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है। महिलाओं ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब उनके घरों में शांति और खुशहाली लौटेगी। सरपंच सम्मे बाई पटेल , सरपंच प्रतिनिधि केशव पटेल उपसरपंच सुनीता बाई चेलक व समस्त पंचगण, ग्राम की सभी महिला समिति की सदस्यगण एवं गणमान्य नागरिकों और वरिष्ठ ग्रामीणों के बीच बैठक व विचार विमर्श के उपरांत गांव में दारू बंद करने पर सबकी सहमति बनी और इसी हेतु ग्राम पंचायत ने कोटवार के द्वारा में मुनादी कराकर अवैध शराब बेचने वालों को चेतावनी भी दी गयी थी कि यदि वे जल्द से जल्द अपना कारोबार बंद नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल की राह दिखाई जाएगी। सरपंच ने यह भी स्पष्ट किया कि गांव में शराब बेचने वालों की पहचान की जा रही है और यदि किसी ने पंचायत के आदेश का उल्लंघन किया, तो उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। धाराशिव गांव में शराबबंदी लागू करने की इस पहल की हर ओर सराहना हो रही है। आसपास के गांवों ने भी इस निर्णय को एक आदर्श मानते हुए अपने क्षेत्रों में भी इसी तरह के कदम उठाने की चर्चा जोरो पर है। सरपंच सम्मे बाई पटेल ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। गांव में पूरी तरह से नशामुक्त वातावरण बनाने के लिए वे नियमित रूप से निगरानी करेंगी और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोकने के लिए प्रशासन का सहयोग लेंगी। साथ ही, महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार और शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा। निश्चित रूप से ग्राम पंचायत धाराशिव में शराबबंदी का निर्णय न केवल एक साहसिक कदम है, बल्कि यह गांव की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा। जागरूक नागरिक मानु जायसवाल ने कहा कि यह पहल अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी और नशा मुक्त समाज के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।