जानलेवा होता है रेबीज,टीका लगवाना ही बचाव का सही तरीका

इसी संदेश के साथ मनाया गया जिले में विश्व रेबीज दिवस
ताराचंद कठोत्रे- बलौदाबाजार।
बलौदाबाजार,28सितंबर 2024/ कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देश पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 28 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में विश्व रेबीज दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य केंद्रों सहित स्कूलों में लोगों को रेबीज के प्रति जागरुक एवं सावधानी बरतने के संबंध में अपील की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया की देश में प्रतिवर्ष लगभग 20 हज़ार लोगों की मौत रेबीज से हो जाती है जिसमें से 97 प्रतिशत केस संक्रमित कुत्ते के काटने से होता है। रेबीज एक जानलेवा रोग है यदि इसका टीका नहीं लगवाया गया और लक्षण प्रकट हो गए तो मरीज की मृत्यु हो जाती है। नोडल अधिकारी डॉ अभिजीत बैनर्जी के अनुसार संक्रमित जानवर के काटने पर रेबीज के लक्षणों में बुखार,सरदर्द,थकान,पश्चात श्वशन तंत्र, तंत्रिका तंत्र,पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है। मरीज को हवा,पानी प्रकाश से भय लगता है और वह कोमा में चला जाता है जिसके बाद उसकी मृत्यु हो जाती है।

रेबीज से बचाव हेतु जानवर के काटने पर घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएं फिर एंटीसेप्टिक लगा के तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर एंटी रेबीज टीका लगवाएं। क्योंकि संक्रमित जानवर के संपर्क में आने के बाद यदि लक्षण दिख गए तो इलाज संभव नहीं है इसलिए यह टीका लगवाना जरूरी है टीका का पूरा डोज लेना अनिवार्य है। पहले लगने वाले 14 इंजेक्शनों के बजाय आजकल मांसपेशियों में लगने वाला पांच टीका जिसे 0, 3 ,7,14 और 28 वें दिन लगाया जाता है अथवा त्वचा में लगने वाला चार टीका जिसे 0,3,7 और 28 वें दिन लगाया जाता है पूर्णत सुरक्षित और असरकारक है।

किसी प्रकार के अंधविश्वास के झांसे में आ के झाड़- फूंक की गतिविधियों से दूर रहें । घर में यदि पालतू जानवर है तो उसे टीका लगवाएं। यह टीका शासकीय अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध है। जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट श्वेता शर्मा ने बताया की जिले में वर्ष 2024 में जनवरी से अब् तक भाटापारा में 596,बलौदाबाजार में 726, सिमगा में 640,पलारी में 365 और कसडोल में 326 कुत्ते काटने के प्रकरण सामने आए। वर्ष 2023 में जिले में ऐसे कुल केस 3486 के थे जो इस वर्ष अब तक 2653 हैं। यदि आपके जानवर मे रेबीस जैसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सक् नगर् पालिका के अधिकारी को सूचित करे।