बलौदाबाजार

लचर व्यवस्था के चलते वनांचल वासियों को एम्बुलेंस की सुविधा मुनासिब नहीं

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ताराचंद कठोत्रे / बलौदाबाजार = कसडोल– सामुदायिक  स्वास्थ्य केंद्र कसडोल के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारनवापारा में एम्बुलेंस की समुचित सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को एमरजेंसी में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।वही बड़ी दुख की बात यह भी है कि स्थानीय अस्पताल की प्रशासनिक व्यवस्था की पूर्ण जिम्मेवारी लेने वाले प्रशासन के नुमाइंदे की निष्क्रियता के चलते अस्पताल में रखे गए एम्बुलेंस सुविधा होकर भी नहीं के बराबर है जो समय पर मरीजों को सुविधा नहीं मिल पाता है।ज्ञात हो कि कसडोल मुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर एक एकलौता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारनवापारा है जो सुदूर वनांचल के लगभग 22 से 25 गांवों को लोगो के स्वास्थ्य संबंधी सुविधा को जोड़ने का काम करती है।बावजूद यहाँ एमरजेंसी में एम्बुलेंस की अनुपलब्धता विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है।वही एक मामला 26 मार्च मंगलवार को हठियारीन पति मैकुराम गोंड़ उम्र लगभग 65 वर्ष ग्राम सैहाभांठा को स्वास्थ खराब के चलते गंभीर स्थिति में उनके परिजनों ने बार हॉस्पिटल लाया गया किंतु उस दौरान कोई भी अस्पताल में न तो डॉक्टर और न कोई कर्मचारी नहीं था।मरीज की स्थिति देखने से ऐसा लग रहा था कि समय-दर समय ईलाज नहीं होने से खराब हो रहा था ऐसे स्थिति में बाहर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा भी नहीं मिल रहा था।परिजनों के बड़ी मसक्कत बड़ी देर बाद एम्बुलेंस के चालक को ढूंढा गया,जो एम्बुलेंस का नियमित चालक भी नहीं है।चालक मिलने पर एम्बुलेंस में पेट्रोल नहीं था तो परिजनों ने कही से पेट्रोल लेकर एम्बुलेंस में डाला गया।अस्पताल में डॉक्टर की गैरमौजूदगी के कारण मरीज को बिना प्राथमिक उपचार किये बगैर पिथौरा ले जाया गया।इस हॉस्पिटल में ज्यादातर लोगों के मामले जंगली जानवरों के हमलों से होनी वाली घटना और जज्कि,डिलवरी(बच्चा-जन्म) संबंधित मामले सामने आते रहते हैं।क्यों कि यह हॉस्पिटल अभ्यारण्य के केंद्र बिंदु पर स्थित है।बहरहाल यहां मरीजों को समय मे एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर शासन-प्रशासन पर  स्थानीय ग्रामीणों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने कड़े शब्दों में आक्रोश ब्यक्त करते हैं जो वाट्सएप ग्रुफ,सोशल मीडिया में भी समस्या को लेकर कहा गया है।और क्यों न हो मुसीबत में कोई काम न आवे तो जनता का आक्रोशित होना लाजमी है। संबंधित जानकारी के लिए  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बार के इंचार्ज डॉक्टर नरेंद्र ठाकुर से फोन से सम्पर्क करने पर कहा  कि एम्बुलेंस में ड्राइवर नहीं है,एम्बुलेंस में जेडीएस सिस्टम से पेट्रोलिंग की ब्यवस्था की जाती है,जेडीएस मतलब कंडीशन देखके अपने तरफ से करना है, अगर मरीज एकदम गंभीर है जरुरिच है तो नहीं तो,पेशेंट को कन्वेंश करना पड़ता है जो भी जीवनदीप शुल्क लगता है उस शुल्क के आधार पे आप ले जा सकते हैं।अगर आपको बात करना है तो उच्चाधिकारियों से बात कीजिए।

Tarachand Kathotre

ताराचंद कठोत्रे संपादक (जनभूमि न्यूज़) बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़

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