महंगाई बनी देश की सबसे भीषण समस्या:- मनीष घृतलहरे

ताराचंद कठोत्रे
बलौदाबाजार/ भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़ संगठन के बलौदाबाजार जिलाध्यक्ष मनीष घृतलहरे ने मंहगाई को लेकर सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है सत्ता पक्ष के लोगों का कभी महंगाई डायन और आज महबूबा बन गई है देश में अभी कोरोना से अधिक भीषण समस्या महंगाई बन गई है।लाखों लोग दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
रसोई गैस के दाम में भीषण वृद्धि के अलावा अनाज, खाद्य तेलों तथा सब्जियों के दाम में ऐसी महंगाई कर दी गई है,जिससे सभी जाति के गरीब लोगों का जीवन-यापन दूभर हो गया है। भीम क्रंतिवीर छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार जिला के जिलाध्यक्ष मनीष घृतलहरे ने
कहा कि भाजपा कि सरकार जब से केन्द्र में आयी है तब से ही देश में महंगाई एक भीषण
समस्या बन चुकी है। डबल इंजन सरकार ने भीष्म प्रतिज्ञा ली है कि खाद्य पदार्थों, पेट्रोल-डीजल और गैस सिलेंडर की दाम बढ़ाकर आम लोगों को भूखा मार देंगे महंगाई को डायन बताने वाले आज इसे महबूबा समझ इससे चिपके बैठे है। सरकार में बैठे लोग महंगाई रूपी प्रियतमा को दूर कर ही नहीं पा रहे है केंद्र और छत्तीसगढ़ की डबल इंजन सरकार की पूँजी परस्त जनविरोधी नीतियों की मार ने निम्न व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है। खाद्य पदार्थों,खाद्य तेल के दाम तो आसमान छू ही रहे थे, खाना खरीदने के साथ साथ खाना पकाना भी महंगा हो गया है।पिछले 5 महीनों में रसोई गैस के दाम 190 रुपये तक बढ़ गए हैं। पिछले 2 हफ्तों में 4 बार रसोई गैस के कीमत बढ़ाए गए। ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार और उसके विभाग कमर कस कर बैठ चुके हैं गरीबों का जीना मुहाल कर के दम लेंगे केंद्र सरकार ने उज्वला योजना के खूब कसीदे पढ़े, खूब महिमामंडन किया, भावुकता का चोला पहन कर स्वघोषित निर्धनता उन्मूलन के पुरोधा होने का दावा किए क्या आज इस सरकार में हिम्मत है कि गाँव-गाँव जाकर उज्वला योजना की समीक्षा करें और देश को इसकी वास्तविकता बताएँ। आज गरीबों के घर में पड़े
खाली सिलेंडर मुंह चिढ़ा रहे हैं के 2014 में 384 प्रति रसोई गैस
सिलिंडर कंधे पर ढो ढोकर प्रदर्शन करने वाले लोग आज प्रति सिलेंडर की कीमत 1000 करने के बाद भी सत्ता में बैठ चुप्पी साधे हुए हैं। चौतरफा महंगाई से गरीबों और मध्यम वर्ग
की जेबों पर डाका पड़ ही रहा था, रसोई गैस की कीमतों ने अब
पेट पर लात मार दी है महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी को लेकर सड़क से लेकर सदन तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम आम आदमी की लड़ाई लड़ते रहेंगे।