रेफर सेंटर बना लाहोद का सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र
संवाददाता विजय सेन लाहोद

(जनभूमि न्यूज ) लाहोद === ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे हैं। हालात यह हैं कि चिकित्सकों समेत पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से लाहोद सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र रेफर सेंटर बनकर रह गया है। आलम यह है कि यहां लंबे समय से वाटर-कूलर और आरओ सिस्टम खराब पड़े हैं। इससे मरीजों को शुद्ध पेयजल तक नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में वैसे तो अस्पताल इंचार्ज बलराम श्रीवास सहित अन्य चिकित्सकों की तैनाती है। इसके बावजूद रोगियों को ओपीडी में चिकित्सक कम मिलते हैं। अस्पताल में गंभीर रोगियों सहित गर्भवती महिलाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता, बल्कि जल्दबाजी में खानापूर्ति कर रेफर कर दिया जाता है ऐसे में ग्रामीणों को या तो शहर के अस्पतालों में आकर डिलिवरी करानी पड़ रही है या फिर मजबूरी में घर में ही प्रसूति हो रही है। ऐसे में शासन के संस्थागत डिलिवरी के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। प्राथमिक ईलाज झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे
शासन ने अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने जनसंख्या के हिसाब से छोटे-बड़े अस्पतालों की स्थापना की है। इसी क्रम में 5 हजार तक की आबादी पर उप-स्वास्थ्य केंद्र व 15 हजार की आबादी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोल रखा है। इसके अलावा दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधाएं मितानिन व महिला-पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई है। इतना सब कुछ होने के बाद भी स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। प्राथमिक इलाज तक के लिए उन्हें झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे रहना पड़ रहा है। प्रसूता को बोलना पड़ता है कि यहां के इंतजाम बेकार, शहर ही बेहतर, स्थानीय कुछ लोगो का कहना है कि उप स्वास्थ्य केन्द्र पूरी तरह बदहाल है यहां डॉक्टरों के आने का कोई समय ही नहीं है। उसके बाद डिलिवरी के लिए आई प्रसूताओं को लौटना पड़ता है। प्रसूता दर्द से छटपटाते हुए यहां आती हैं और बोलना पड़ता है कि बच्चे की जान बचाने के लिए बड़ा अस्पताल ठीक है।
वही इस संबंध में अस्पताल प्रभारी डॉ. बलराम श्रीवास ने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाए जाने और डॉक्टरों की तैनाती के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है। अन्य जो भी कमियां है उन्हें शीघ्र ही दूर किया जाएगा।