*सतनामी समाज का एक दिवसीय अधिवेशन संपन्न*
बलौदाबाजार/ ताराचंद कठोत्रे

*सर्वाधिक मतदाता वाले समाज की उपेक्षा पड़ेगा भारी*
बलौदाबाजार – पलारी / सतनामी समाज चाह रहे हैं कि उनके समाज के व्यक्ति को इस बार कसडोल विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा उम्मीदवार बनाकर विधानसभा में भेजे। इसके लिये जिला बलौदाबाजार के पलारी विकासखंड के अंतर्गत स्थित सतनामी समाज भवन में हजारों की संख्या में सतनामी समाज के युवा सामाजिक जनप्रतिनिधि समाज के कर्मचारी अधिकारी ने बैठक क़र विधानसभा कसडोल से सतनामी विधायक बनाने की बात कही। इसके पूर्व भी सतनामी समुदाय के लोग लवन और कसडोल में बैठक आयोजित किये थे और सतनामी समाज से उम्मीदवार प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया और इसी कड़ी को समाज के जनमत को मजबूत करने के लिये पलारी में भी बैठक रखा गया । आगामी बैठक संडी, रोहँसी परिक्षेत्रो में प्रस्तावित है इसके तत्पश्चात जिलास्तरीय बैठक का आयोजन भी संभावित है। सतनामी समाज आगामी विधानसभा चुनाव में अपने समाज से विधायक उम्मीदवार बनाने की मांग को लेकर एक जुट होते हुए जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात को लेकर अपना आवाज बुलंद कर रहें है। सतनामी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा की विधानसभा कसडोल में उनके समाज की सर्वाधिक मतदाता है जो कि अकेले विधायक बनाने का दमखम रखता है बावजूद राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा उनकी उपेक्षा की जाती है, जिससे सतनामी समाज में भारी रोष है। अगर इस बार भी राष्ट्रीय पार्टियां द्वारा कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया तो सतनामी समाज कड़ा रुख अपनाएगा। समाज प्रमुखो ने बताया की कसडोल विधानसभा में सर्वाधिक सतनामी मतदाता है । सबसे ज्यादा सतनामी मतदाता होने के कारण इस बार सतनामीयों की प्रबल दावेदारी बनती है। जिसकी उपेक्षा करना राजनीतिक दलों को भारी पड़ सकता है। समाज प्रमुखो ने कहा कि सतनामी समाज को कमजोर करने के लिए पलारी विधानसभा ख़त्म करके कुछ क्षेत्र बलौदाबाजार व कसडोल को जोड़कर सतनामी समाज की सुरक्षित सीट को षड़यंत्रपुर्वक खतम करते हुए कसडोल विधानसभा बना दी और उसे सामान्य सीट घोषित क़र दिया गया। कसडोल विधानसभा में पूर्व से लेकर अभी तक सबसे ज्यादा संख्या सतनामी मतदाता की है। चुकि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिये आदर्श आचार सहिता कुछ इसी माह घोषित होना संभावित है ।चुनाव से संबंधित चाहे जिला प्रशासन हो पुलिस हो या राजनीतिक पार्टियां, सभी चुनाव की तैयारियों में जुट गए है। कसडोल विधानसभा में सतनामी समुदाय के विभिन्न संगठन व अनेकों पार्टियों में जुड़े सतनामी कार्यकर्त्ता

एकजुट होकर अपने समाज से ही कसडोल विधायक बनाने पर जोर दे रहें है जिससे समाज को दरकिनार करने वाली राष्ट्रीय पार्टियों में हड़कंप मचा हुआ है। बहरहाल राष्ट्रीय पार्टीयों से कसडोल विधानसभा में सतनामी समुदाय से टिकट सुरक्षित करने की मांग की जा रही है। यदि फिर भी राष्ट्रीय पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती तो फिर अन्य पार्टी या स्वतंत्र प्रत्याशी पर विचार करने की बात कही जा रही है। पुरे विधानसभा क्षेत्र के सतनामी समाज इस बार दृढ़ संकल्प लेकर सतनामी विधायक बनाने की जिद पर अड़ गया है। ग्रामीण एवं शहरी सभी क्षेत्रों में समाज की विधायक बनाने की मांग व चर्चा जोरो सोरो से चल रही है। अगर राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा इस माँग को गंभीरता से नहीं लेने पर समाज द्वारा कम आबादी वाले समुदायों के मतदाता से गठबंधन कर चुनाव कार्य संपन्न करेंगी। समाज के बुद्धजीवी प्रबुद्धगण द्वारा अपने वक्तव्य के दौरान बताया कि समाज के उपर हो रहे अपमान,अन्याय,अत्याचार,शोषण एवं उपेक्षाओं को समाज के प्रत्येक व्यक्ति महसूस कर रहा है। सतनामी समाज का एक दिवसीय अधिवेशन का प्रमुख उद्देश्य कसडोल विधानसभा में राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा सतनामी समाज वर्ग के सबसे ज्यादा मतदाता होते हुए भी टिकट नहीं देते हुए उपेक्षा किये जाने पर समाज द्वारा स्वतंत्र उमीदवार उतारकर विधानसभा भेजनें की बातें कही जा रही है। सतनामी समाज में समाज प्रमुख एवं भंडारी-साटीदार,युवा-बुजुर्ग, अधिकारी -कर्मचारी, किसान-मजदूर, उद्यमी-जनप्रतिनिधि सहित सभी वर्गों में कसडोल विधानसभा से सतनामी विधायक बनाने की बात को लेकर निरंतर बैठक किया जा रहा है जो इस बार राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है।