ग्राम कोहरौद में पटेल परिवार के यहां चल रहे श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन की कथा में रास लीला पर प्रकाश डालते हुए कथा वाचक पं पंकज शुक्ला ने कहा कि रास लीला गोपियों के साथ नृत्य करना नही है गोपिया पूर्व जन्म की सिद्ध महात्मा है।वेद के ऋचा भी गोपी बनकर आई है त्रेता के सभी महात्मा भी गोपी रूप में आई है उन सभी का साधना आज सिद्ध हुआ और पूर्ण परमात्मा से मिलन का आनंद मिल रहा है। श्रीकृष्ण के चरणों में विशुद्ध प्रेम ही है, और वह प्रेम अनन्य हो तो वही रास का स्वरूप है। कथा वाचक ने आगे कंस वध श्रीकृष्ण रुक्मणि विवाह प्रसंग पर प्रकाश डाला गया। श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन ग्रामवासी सहित आसपास के गांवो से बड़ी संख्या में ग्रामीण कथा का पूर्ण आनंद लेने पहुंचे हुए थे।
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