नहर में पानी छोड़ने से बर्बाद हो रही धान की फसल,
विजय सेन /लाहोद

लाहोद :– सिंचाई विभाग द्वारा लाहोद, जुडा, कारी, खटियापाटी सहित आसपास के क्षेत्रों नहर में असमय छोड़ा गया पानी किसानों के गले की हड्डी बनती जा रही है। विभाग की नीति की आलोचना हो रही है और विभाग पल्ला झाड़ते नजर आ रहा है। धान की फसल में भयंकर ब्राउन प्लांट हापर यानी मधुआ कीट का प्रकोप है तो नहर में पानी छोड़ दिए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई। एक तरफ रोग का प्रकोप दूसरी तरफ कीट व्याधि का आक्रमण है।

कृषि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि दवा के प्रयोग के साथ जितना जल्द हो सके, खेत से पानी निकाल दें। दूसरी ओर खेत में नहर से पानी छोड़ा जा रहा है। नहर से पानी छोड़ने से फसल की बर्बादी हो रही है। उधर, कृषि की अद्यतन स्थिति से विभाग अनभिज्ञ दिख रहा है। किसानों की तैयार फसल पानी के कारण बर्बाद हो रही है पर अभियंता खामोश हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे जिससे हर तरफ किसान गुस्से में दिख रहे हैं। लाहोद के साथ अनेको किसानों का कहना है कि जल संसाधन विभाग संवेदनहीन हो गया है। नहर का पानी खेत में जा रहा है उसे कोई देखने वाला नहीं है।