लवन

जिले में पर्यावरण के नियमों को संयंत्र कैसे ताक रहा

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जिले मे स्थिति भयावह, पर्यावरण प्रदूषण बढते क्रमपर

जीवन में पेड़ों का अत्यधिक महत्व–पुष्पकांत मेजर

पुष्पकांत मेजर
लवन / पेड़ लगाना महादान के समान होता है, क्योंकि पेड़ लगाकर व्यक्ति फल, फूल, पत्ते और छाया का दान हर समय करता है. इससे मरने के बाद भी व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति नरक की यातनाओं से मुक्त रहता है. साथ ही जीवनकाल में उसे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। पृथ्वी की वर्तमान स्थिति जो हम देख रहे हैं वह पृथ्वी और उसके संसाधनों के सदियों से चले आ रहे शोषण का कारण है।पेड़ लगाना महादान के समान होता है, क्योंकि पेड़ लगाकर व्यक्ति फल, फूल, पत्ते और छाया का दान हर समय करता है. इससे मरने के बाद भी व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति नरक की यातनाओं से मुक्त रहता है. साथ ही जीवनकाल में उसे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इसके अलावा, पर्यावरण प्रदूषण के कारण पृथ्वी अपना संतुलन बहाल नहीं कर सकती है। मानव शक्ति ने पृथ्वी पर जीवन का निर्माण और विनाश किया है।पेड़ लगाना महादान के समान होता है, क्योंकि पेड़ लगाकर व्यक्ति फल, फूल, पत्ते और छाया का दान हर समय करता है. इससे मरने के बाद भी व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति नरक की यातनाओं से मुक्त रहता है. साथ ही जीवनकाल में उसे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। यह वायु, जल, मिट्टी, ध्वनि और प्रकाश प्रदूषण सहित विभिन्न रूपों में प्रकट होता है। प्रदूषण के परिणाम दूरगामी हैं, जो पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता और मानव कल्याण को प्रभावित कर रहे हैं।पर्यावरण में किसी भी पदार्थ (ठोस, तरल, या गैस) या ऊर्जा का किसी भी रूप (जैसे गर्मी, ध्वनि, या रेडियोधर्मिता) में उसके पुनर्नवीनीकरण, किसी हानिरहित रूप में संग्रहण या विघटित करने के स्तर से ज्यादा तेजी से फैलना ही प्रदूषण (eassay on pollution in hindi) कहलाता है।वायु प्रदूषण में सीमेंट का प्रमुख योगदान है, सीमेंट उद्योग से उत्सर्जन के कारण लगभग 4,90,000 वार्षिक मौतें हो सकती हैं। इसके अलावा, सीमेंट उद्योगों से होने वाला प्रदूषण आसपास की वनस्पतियों और जीवों के जीवन के लिए खतरा पैदा करता है। भारत में सीमेंट उद्योग की प्रमुख समस्याओं में से एक बेहिसाब या ‘भगोड़ा’ उत्सर्जन है।सीमेंट निर्माण सीधे कार्बन डाइऑक्साइड के उत्पादन के माध्यम से ग्रीनहाउस गैसों का योगदान देता है जब कैल्शियम कार्बोनेट थर्मल रूप से विघटित होता है, चूना और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करता है, और ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से भी, विशेष रूप से जीवाश्म ईंधन के दहन से।FY21 में, भारत का कुल सीमेंट उत्पादन 294.4 मिलियन टन (MT) था, जो FY20 में 329 मिलियन टन (MT) था। फरवरी 2021 में भारत का सीमेंट उत्पादन फरवरी 2020 के मुकाबले 7.8 प्रतिशत बढ़ गया। FY21 में, भारत का कुल सीमेंट उत्पादन 262 मिलियन टन (MT) (फरवरी 2021 तक) था।सीमेंट उत्पादन CO2 उत्सर्जन का एक बड़ा स्रोत है, जो वैश्विक CO2 उत्सर्जन में लगभग 7-8% का योगदान देता है । औसतन, एक टन सीमेंट का उत्पादन लगभग एक टन CO2 वायुमंडल में छोड़ता है, जो मुख्य रूप से चूना पत्थर के कैल्सीनेशन और जीवाश्म ईंधन के जलने के कारण होता है।
क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार , भारतीय सीमेंट उद्योग वित्तीय वर्ष 2025 से वित्तीय वर्ष 2028 तक 150-160 मिलियन टन क्षमता जोड़ने के लिए तैयार है , क्योंकि इसका लक्ष्य बुनियादी ढांचे और आवास क्षेत्रों से बढ़ती मांग को पूरा करना है।सीमेंट की धूल श्वसन प्रणाली और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश कर सकती है और प्रतिकूल प्रभाव पैदा कर सकती है। व्यावसायिक क्रिस्टलीय सिलिका के संपर्क के परिणामस्वरूप श्वसन प्रणाली में सूजन हो जाती है, जिससे असामान्य ऊतक मरम्मत, विकार और मृत्यु हो जाती है।सीमेंट उद्योग कार्बन डाइऑक्साइड, एक ग्रीनहाउस गैस के मुख्य उत्पादकों में से एक है। कंक्रीट पृथ्वी की सबसे उपजाऊ परत, ऊपरी मिट्टी को नुकसान पहुंचाता है।कंक्रीट का उपयोग कठोर सतह बनाने के लिए किया जाता है जो सतही अपवाह में योगदान देता है जो मिट्टी के कटाव, जल प्रदूषण और बाढ़ का कारण बन सकता है।सीमेंट का निर्माण कंक्रीट प्रक्रिया का सबसे अधिक कार्बन-सघन भाग है। यह दो मुख्य गतिविधियों में आता है: चूना पत्थर का कैल्सीनेशन और सीमेंट भट्टियों को गर्म करना। पोर्टलैंड सीमेंट बनाने के लिए, चूना पत्थर को कैल्सीनेशन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो रासायनिक प्रतिक्रिया से बड़ी मात्रा में CO2 जारी।CO2 उत्सर्जन के अलावा, सीमेंट उत्पादन अन्य पर्यावरणीय प्रभाव भी उत्पन्न करता है। कच्चे माल के खनन के परिणामस्वरूप निवास स्थान का विनाश, मिट्टी का क्षरण और जल प्रदूषण हो सकता है।

सीमेंट उद्योग में वायु प्रदूषण कैसे कम करें

सीमेंट उद्योग में प्रदूषण में कमी विभिन्न तरीकों से हासिल की जा सकती है, जिसमें स्वच्छ उत्पादन प्रौद्योगिकियों को अपनाना, ऊर्जा दक्षता में सुधार करना, वैकल्पिक ईंधन और कच्चे माल का उपयोग करना और कड़े उत्सर्जन नियंत्रण लागू करना शामिल है।

कम सीमेंट का उपयोग करें – उदाहरण के लिए, कंक्रीट मिश्रण में सीमेंट की अत्यधिक विशिष्टता को कम करके और कंक्रीट मिश्रण में सीमेंट को आंशिक रूप से बदलने के लिए ग्राउंड ग्लास पॉज़ोलन जैसी पूरक सीमेंट सामग्री के उपयोग को प्रोत्साहित करना; सीमेंट भट्टियों को अधिक कुशल बनाएं ताकि उन्हें कम ईंधन की आवश्यकता हो।

सबसे खतरनाक वायु प्रदूषक – पार्टिकुलेट मैटर

वायु प्रदूषकों का यह समूह उन ठोस कणों को संदर्भित करता है जो हवा में मौजूद बूंदों को कालिख, धूल और खनिज तत्वों के साथ मिलाने के परिणामस्वरूप दिखाई देते हैं।सीमेंट का उपयोग मुख्य रूप से कंक्रीट में बाइंडर के रूप में किया जाता है, जो सभी प्रकार के निर्माण के लिए एक बुनियादी सामग्री है, जिसमें आवास, सड़क, स्कूल, अस्पताल, बांध और बंदरगाह शामिल हैं, साथ ही सजावटी अनुप्रयोगों (आँगन, फर्श, सीढ़ियाँ, ड्राइववे के लिए) के लिए भी। पूल डेक) और टेबल, मूर्तियां या बुककेस जैसी वस्तुएं।

पर्यावरण प्रदूषण के उपाय

स्वच्छ प्रोद्यौगिकी को अपनाकर उद्योगों व अन्य स्रोतों से जनित कूडे कचरे व फ्लाई ऐश का पुनः प्रयोग करके बायोगैस, ऊर्जा, खाद, बिजली, भवन निर्माण सामग्री (ईंटें, सीमेन्ट, टाइलें, प्लास्टर बोर्ड आदि) व अन्य उत्पादों के निर्माण में करें। कूडे-करकट को इधर-उधर न फेंककर इसका निस्तारण समुचित निर्धारित स्थल पर ही करें।

पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय

फैक्टिरयों और कारखानों को नदियों से दूर कर देना चाहिए। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए। वन संरक्षण तथा वृक्षारोपण को सर्वाधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। इस प्रकार प्रदूषण युक्त वातावरण का निर्माण किया जा सकेगा।

पर्यावरण प्रदूषण कैसे काम किया जा सकता है

चाहे आपका घर बड़ा हो या छोटा, पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए आप कुछ न कुछ कर सकते हैं। पेड़ लगाना महादान के समान होता है, क्योंकि पेड़ लगाकर व्यक्ति फल, फूल, पत्ते और छाया का दान हर समय करता है. इससे मरने के बाद भी व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति नरक की यातनाओं से मुक्त रहता है. साथ ही जीवनकाल में उसे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।अपनी कार में यात्रा करने की संख्या कम करें। चिमनी और लकड़ी के चूल्हे का उपयोग कम करें या समाप्त करें। पत्तियां, कचरा और अन्य सामग्री जलाने से बचें। गैस से चलने वाले लॉन और उद्यान उपकरण का उपयोग करने से बचें।प्रदूषण नियंत्रण के विशिष्ट साधनों में कचरा निपटान प्रणाली जैसे सैनिटरी लैंडफिल, ऑटोमोबाइल के लिए उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली, सीवरेज सिस्टम में अवसादन टैंक, औद्योगिक गैस से अशुद्धियों की इलेक्ट्रोस्टैटिक वर्षा या रीसाइक्लिंग का अभ्यास शामिल हो सकता है।

एक पेड़ जरूर लगाए–पुष्पकांत मेजर

धारासीव निवासी पुष्पकांत मेजर का कहना है कि पेड़ों का हमारे जीवन में बहुत अत्यधिक महत्व है और पेड़ से ही हमें ऑक्सीजन मिलती है और पर्यावरण को सुरक्षित एवं बचाव रखने हेतु पेड़ का महत्व हमारे जीवन में सर्वोपरि है इसीलिए पेंड़ लगाना महादान के समान होता है, क्योंकि पेड़ लगाकर व्यक्ति फल, फूल, पत्ते और छाया का दान हर समय करता है. इससे मरने के बाद भी व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति नरक की यातनाओं से मुक्त रहता है. साथ ही जीवनकाल में उसे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
पेड़ न केवल CO2 संग्रहित करते हैं, बल्कि पेड़ों का यह लाभ भी है कि वे निम्नलिखित उत्पाद भी पैदा करते हैं: भोजन, लकड़ी, दवा, ऑक्सीजन, नमी, वगैरह। इसलिए पेड़ पेड़ लगाना महादान के समान होता है, क्योंकि पेड़ लगाकर व्यक्ति फल, फूल, पत्ते और छाया का दान हर समय करता है. इससे मरने के बाद भी व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति नरक की यातनाओं से मुक्त रहता है. साथ ही जीवनकाल में उसे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आर्थिक विकास पर कोई ऊपरी सीमा नहीं लगाता है।

Tarachand Kathotre

ताराचंद कठोत्रे संपादक (जनभूमि न्यूज़) बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़

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